Understanding Monkeypox: Symptoms and Prevention 2024 A Battle

Monkeypox: Symptoms and Prevention

Monkeypox: Symptoms and Prevention क्या आप जानते हैं कि एक नया वायरस दुनिया भर में फैल रहा है? यह वायरस है मंकीपॉक्स, जो पहले केवल अफ्रीका में पाया जाता था, लेकिन अब यह विश्व के कई हिस्सों में फैल चुका है। क्या आप इस नए खतरे से डरे हुए हैं? चिंता न करें, हम आपकी मदद करने के लिए यहाँ हैं।

मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है जो त्वचा पर दाने और अन्य लक्षण पैदा करता है। हालांकि यह गंभीर हो सकता है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन कैसे? इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको मंकीपॉक्स के बारे में सब कुछ बताएंगे – इसके लक्षणों से लेकर इससे बचने के तरीके तक।

आइए शुरू करते हैं मंकीपॉक्स की मूल जानकारी से, फिर हम इसके लक्षणों, संचरण के तरीकों, बचाव के उपायों और अंत में इसके निदान और उपचार के बारे में चर्चा करेंगे। तैयार हैं? चलिए शुरू करते हैं!

Monkeypox: Symptoms and Prevention

मंकीपॉक्स के बारे में मूल जानकारी: Monkeypox: Symptoms and Prevention

मंकीपॉक्स क्या है

Monkeypox एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है जो ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से संबंधित है। इसमें चेचक वायरस भी शामिल है। यह एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती है।

1958 में मंकीपॉक्स का नाम दिया गया था। तब इसकी पहली बार एक बंदर कॉलोनी में खोजा गया था। लेकिन इसका प्राथमिक स्रोत अभी भी अज्ञात है।

मंकीपॉक्स वायरस दो प्रकार का है: पश्चिम अफ्रीकी और कांगो बेसिन क्लेड। पश्चिम अफ्रीकी क्लेड कम गंभीर है और कम मृत्यु दर से जुड़ा है। कांगो बेसिन क्लेड अधिक गंभीर है और उच्च मृत्यु दर के साथ संबद्ध है।

Monkeypox के प्रमुख लक्षण हैं: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  1. बुखार
  2. सिरदर्द
  3. मांसपेशियों में दर्द
  4. थकान
  5. लिम्फ नोड्स में सूजन
  6. त्वचा पर दाने या घाव

वर्तमान प्रकोप की स्थिति

मंकीपॉक्स का प्रकोप दुनिया भर में चिंता का विषय बना हुआ है। 2022 की शुरुआत से कई देशों ने मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। इनमें से कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां यह बीमारी स्थानिक नहीं है।

यह प्रसार चिंता का विषय है और वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके कारणों और प्रभावों की जांच करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

वर्तमान प्रकोप की प्रमुख विशेषताएं: Monkeypox: Symptoms and Prevention

Monkeypox के बारे में कुछ तथ्य: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  1. भौगोलिक विस्तार: मंकीपॉक्स अब अफ्रीका के बाहर के देशों में फैला है, जैसे यूरोप, उत्तरी अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया।
  2. संचरण पैटर्न: अब मानव से मानव संचरण अधिक हो रहा है, जो पहले के प्रकोपों से अलग है।
  3. लक्षणों में बदलाव: कुछ मामलों में रोगियों ने क्लासिक लक्षणों से थोड़ा अलग लक्षण दिखाए हैं, जिससे निदान मुश्किल हो गया है।
  4. प्रभावित जनसंख्या: मंकीपॉक्स पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है, विशेष रूप से जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
  5. वैक्सीन रणनीतियाँ: कई देशों ने जोखिम वाले लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस स्थिति की निगरानी कर रहा है और नियमित अपडेट दे रहा है। उन्होंने इस प्रकोप को “वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल” घोषित किया है। यह इसकी गंभीरता और वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरे को दर्शाता है।

निम्नलिखित तालिका आपको प्रकोप की स्थिति को समझने में मदद कर सकती है:

पहलूपूर्व प्रकोपवर्तमान प्रकोप
भौगोलिक वितरणमुख्यतः मध्य और पश्चिम अफ्रीकावैश्विक स्तर पर फैला हुआ
संचरण मोडप्राथमिक रूप से जानवर-से-मानवप्राथमिक रूप से मानव-से-मानव
प्रभावित जनसंख्यासभी आयु वर्ग और लिंगअधिकतर वयस्क पुरुष
लक्षणक्लासिक मंकीपॉक्स लक्षणकुछ मामलों में अटिपिकल प्रस्तुति
वैक्सीन उपलब्धतासीमितव्यापक टीकाकरण अभियान

हमें इस स्थिति के बारे में सतर्क रहना चाहिए, लेकिन डर के साथ नहीं होना चाहिए। विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लेना और सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है।

Monkeypox इतिहास और उत्पत्ति

मंकीपॉक्स का इतिहास और उत्पत्ति एक रोचक कहानी है। यह हमें वायरस के विकास और मानव समाज पर इसके प्रभाव के बारे में बताती है। आइए इस विषय को विस्तार से समझें:

  1. खोज और नामकरण:
  • मंकीपॉक्स की खोज 1958 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में हुई थी।
  • यह खोज तब हुई जब वैज्ञानिकों ने बंदरों में एक चेचक जैसी बीमारी देखी।
  • इसलिए इस वायरस को “मंकीपॉक्स” नाम दिया गया, लेकिन बाद में पता चला कि बंदर इसके प्राथमिक मेजबान नहीं हैं।

·  पहला मानव मामला: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • मनुष्यों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक 9 वर्षीय लड़के में पाया गया था।
  • यह खोज चेचक उन्मूलन के दौरान हुई, जब वैज्ञानिक चेचक के संभावित मामलों की निगरानी कर रहे थे।

·  प्रारंभिक प्रकोप: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • 1970 के दशक में, मंकीपॉक्स के कई प्रकोप पश्चिम और मध्य अफ्रीका में देखे गए।
  • इन प्रकोपों ने वैज्ञानिकों को वायरस के बारे में अधिक जानने और इसके संचरण पैटर्न को समझने का अवसर दिया।

·  वायरस का विकास:

  • मंकीपॉक्स वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का सदस्य है, जिसमें चेचक वायरस भी शामिल है।
  • यह माना जाता है कि मंकीपॉक्स वायरस लाखों वर्षों में विकसित हुआ है, संभवतः अफ्रीकी कृंतकों या अन्य छोटे स्तनधारियों में।

·  प्राकृतिक मेजबान: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • हालांकि इसका नाम “मंकीपॉक्स” है, वायरस का प्राकृतिक मेजबान अभी भी अनिश्चित है।
  • वर्तमान अनुसंधान से संकेत मिलता है कि अफ्रीकी कृंतक, जैसे गैम्बियन पाउच्ड रैट्स और डॉर्मिस, वायरस के संभावित प्राकृतिक मेजबान हो सकते हैं।

·  भौगोलिक वितरण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • शुरू में, मंकीपॉक्स मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों तक ही सीमित था।
  • हालांकि, समय के साथ, वायरस ने अपना भौगोलिक दायरा बढ़ाया है।

·  महत्वपूर्ण प्रकोप: Monkeypox: Symptoms and Prevention

मंकीपॉक्स का इतिहास

मंकीपॉक्स का इतिहास लंबा है और कई देशों में फैला है। यह वायरस 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार देखा गया था। अफ्रीकी कृंतकों के आयात से इसका प्रकोप शुरू हुआ।

2017-18 में नाइजीरिया में एक बड़ा प्रकोप हुआ। यह प्रकोप ने मंकीपॉक्स के बारे में नई जानकारी दी।

2022 में एक वैश्विक प्रकोप हुआ, जिससे दुनिया भर में चिंता पैदा हुई।

वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स के बारे में शोध किया है। वायरस के जीव विज्ञान, संचरण, और उपचार के तरीकों पर काम किया गया है।

चेचक के टीके को मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। यह दोनों वायरस के बीच आनुवंशिक समानता को दर्शाता है।

हाल के वर्षों में मंकीपॉक्स एक उभरती हुई वैश्विक स्वास्थ्य चिंता बन गया है। इसका कारण चечक के टीकाकरण की समाप्ति है।

यह टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ कुछ सुरक्षा प्रदान करता था।

2022 का वैश्विक प्रकोप मंकीपॉक्स के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स एक विषाणुजनित रोग है जो कई लक्षणों के साथ प्रकट होता है। इस खंड में हम मंकीपॉक्स के विभिन्न लक्षणों पर चर्चा करेंगे। आपको इस बीमारी को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

मंकीपॉक्स के लक्षणों को जानना संक्रमण की पहचान और समय पर चिकित्सा प्राप्त करने में मदद करता है।

A. लक्षणों की अवधि

मंकीपॉक्स के लक्षणों की अवधि को समझना बीमारी के प्रबंधन और नियंत्रण में महत्वपूर्ण है। आइए इस पहलू को विस्तार से समझें:

  1. इनक्यूबेशन अवधि: Monkeypox: Symptoms and Prevention
  • मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखाई देने में 6 से 13 दिन लगते हैं।
  • कुछ मामलों में यह अवधि 5 से 21 दिनों तक हो सकती है।

·  प्रारंभिक लक्षणों की अवधि: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • प्रारंभिक लक्षण जैसे बुखार, सिरदर्द और थकान 1 से 3 दिनों तक रहते हैं।

·  त्वचीय लक्षणों की शुरुआत: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • त्वचा पर दाने या चकत्ते बुखार शुरू होने के 1 से 3 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं।

·  रोग की कुल अवधि:

  • मंकीपॉक्स के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रहते हैं। Monkeypox: Symptoms and Prevention
  • इस दौरान रोगी संक्रामक होता है और दूसरों को संक्रमित कर सकता है।

·  त्वचीय लक्षणों का विकास: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • त्वचा पर दाने या चकत्ते कई चरणों से गुजरते हैं:
    • पहले दिन: लाल धब्बे (मैक्यूल)
    • दूसरे दिन: उभरे हुए दाने (पैपुल)
    • तीसरे से चौथे दिन: तरल भरे फोड़े (वेसिकल)
    • पांचवें से सातवें दिन: मवाद भरे फोड़े (पस्चुल)
    • सातवें से चौदहवें दिन: पपड़ी बनना और गिरना

·  स्वास्थ्य लाभ की अवधि: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • अधिकांश मामलों में, रोगी 2 से 4 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं।
  • गंभीर मामलों में स्वास्थ्य लाभ में अधिक समय लग सकता है।

B. अन्य शारीरिक लक्षण

मंकीपॉक्स त्वचा पर ही नहीं होता है, बल्कि शरीर के अन्य अंगों और प्रणालियों को भी प्रभावित करता है। यहां हम मंकीपॉक्स के विभिन्न शारीरिक लक्षणों पर चर्चा करेंगे:

  1. तापमान संबंधी लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention
  • उच्च बुखार (38°C या 100.4°F से अधिक)
  • ठंड लगना और कंपकंपी

·  मांसपेशियों और जोड़ों के लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • तीव्र मांसपेशियों में दर्द (मायलगिया)
  • पीठ दर्द
  • जोड़ों का दर्द (आर्थ्रलगिया)

·  श्वसन प्रणाली के लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • गले में खराश
  • खांसी
  • नाक बहना

·  पाचन तंत्र के लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • पेट दर्द
  • मतली
  • उल्टी
  • दस्त

·  लसीका तंत्र के लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • लसीका ग्रंथियों का सूजना (लिम्फैडेनोपैथी)
  • गर्दन, कांख या जांघ में सूजी हुई लसीका ग्रंथियां

·  आंखों के लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • आंखों में दर्द
  • फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता)
  • कंजंक्टिवाइटिस (आंखों का लाल होना)

·  न्यूरोलॉजिकल लक्षण: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • सिरदर्द
  • भ्रम
  • चक्कर आना

·  सामान्य लक्षण:

  • अत्यधिक थकान
  • कमजोरी
  • भूख न लगना

इन लक्षणों की गंभीरता व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकती है। कुछ लोगों में सभी लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जबकि अन्य में केवल कुछ ही लक्षण हो सकते हैं। Monkeypox: Symptoms and Prevention

C. त्वचा पर दिखने वाले चकत्ते

मंकीपॉक्स का सबसे बड़ा लक्षण है त्वचा पर चकत्ते या दाने। ये चकत्ते एक निश्चित पैटर्न में आते हैं और कई चरणों से गुजरते हैं। आइए, इन चकत्तों के बारे में जानते हैं:

  1. चकत्तों का विकास क्रम:
  • मैक्यूल (लाल धब्बे)
  • पैपुल (उभरे हुए दाने)
  • वेसिकल (तरल भरे फोड़े)
  • पस्चुल (मवाद भरे फोड़े)
  • स्कैब (पपड़ी) Monkeypox: Symptoms and Prevention

·  चकत्तों की विशेषताएं:

  • आकार: 5-10 मिमी व्यास
  • रंग: लाल से भूरा
  • स्पर्श: कठोर और दर्दनाक
  • संख्या: कुछ से लेकर हजारों तक

·  चकत्तों का वितरण:

  • चेहरा
  • हथेलियां और तलवे
  • मुंह की म्युकोसा
  • जननांग क्षेत्र
  • आंखें

·  चकत्तों की विशेष विशेषताएं: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • एक साथ विकसित होते हैं
  • एक ही आकार और अवस्था में होते हैं
  • गहरे घाव बना सकते हैं
  • निशान छोड़ सकते हैं

·  चकत्तों से जुड़ी समस्याएं: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • तीव्र खुजली
  • दर्द
  • संक्रमण का जोखिम
  • आंखों में समस्या

·  चकत्तों का प्रबंधन:

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षणों को पहचानना जरूरी है। यह रोग के शुरुआती चरण में ही पहचाना जाना चाहिए। तभी इसका उपचार शुरू किया जा सकता है और संक्रमण को रोका जा सकता है।

मंकीपॉक्स के प्रारंभिक लक्षणों में कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. बुखार: Monkeypox: Symptoms and Prevention
  • मंकीपॉक्स का सबसे पहला और सबसे आम लक्षण
  • आमतौर पर 38°C (100.4°F) से अधिक तापमान
  • अचानक शुरू होता है और कई दिनों तक रह सकता है

·  तीव्र सिरदर्द: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • गंभीर और लगातार सिरदर्द
  • बुखार के साथ या उसके तुरंत बाद शुरू होता है

·  मांसपेशियों में दर्द (मायलगिया): Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • बुखार के साथ होता है
  • पीठ, गर्दन, और सिर के नीचे की मांसपेशियों में दर्द होता है

इन लक्षणों को पहचानकर, मंकीपॉक्स का उपचार शुरू कर दिया जा सकता है।

Monkeypox: Symptoms and Prevention
  • शरीर के विभिन्न हिस्सों में मांसपेशियों में दर्द
  • आमतौर पर पीठ, कंधे और पैरों में अधिक महसूस होता है

·  थकान और कमजोरी: Monkeypox: Symptoms and Prevention

  • अत्यधिक थकान महसूस होना
  • दैनिक गतिविधियों को करने में कठिनाई

·  लसीका ग्रंथियों का सूजना (लिम्फैडेनोपैथी):

  • गर्दन, कांख या जांघ में सूजी हुई लसीका ग्रंथियां
  • यह लक्षण मंकीपॉक्स को चिकनपॉक्स से अलग करता है

·  ठंड लगना और कंपकंपी:

  • बार-बार ठंड लगना
  • शरीर में कंपकंपी होना

·  गले में खराश:

  • गले में दर्द या जलन
  • निगलने में कठिनाई

·  भूख न लगना:

  • खाने की इच्छा में कमी
  • वजन कम होना

·  पेट संबंधी लक्षण:

  • मतली
  • उल्टी
  • पेट में दर्द

·  त्वचा संवेदनशीलता:

  • त्वचा पर असामान्य संवेदनशीलता
  • कपड़े पहनने या त्वचा को छूने पर असहजता

ये प्रारंभिक लक्षण संक्रमण के 5-21 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। त्वचा पर चकत्ते आने से पहले 1-5 दिनों तक रह सकते हैं।

प्रारंभिक लक्षणों का महत्व

प्रारंभिक लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है। यह निम्नलिखित कारणों से है:

प्रारंभिक लक्षणों और अन्य बीमारियों के बीच

  1. शीघ्र निदान: प्रारंभिक लक्षणों की पहचान जल्दी निदान में मदद करती है।
  2. संक्रमण नियंत्रण: संक्रमित व्यक्ति को अलग करके संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है।
  3. बेहतर प्रबंधन: शुरुआती चरण में उपचार शुरू करने से रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  4. जटिलताओं की रोकथाम: समय पर चिकित्सा देखभाल गंभीर जटिलताओं को रोक सकती है।

प्रारंभिक लक्षणों और अन्य बीमारियों के बीच

मंकीपॉक्स का संचरण

मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है जो मनुष्यों और जानवरों दोनों को प्रभावित करता है। हम मंकीपॉक्स के संचरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। जोखिम वाले समूह, संक्रामकता की अवधि और संचरण के तरीके शामिल हैं।

कौन जोखिम में है

मंकीपॉक्स वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है। लेकिन कुछ समूहों को अधिक जोखिम होता है। निम्नलिखित समूहों को मंकीपॉक्स संक्रमण का अधिक खतरा है:

  1. स्वास्थ्य देखभाल कर्मी:

मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के जोखिम

मंकीपॉक्स संक्रमण के जोखिम को समझना जरूरी है। यह रोग संपर्क के आधार पर फैलता है। कुछ लोगों के लिए इसका जोखिम अधिक होता है।

चिकित्सा पेशेवर, प्रयोगशाला कर्मचारी, पशु देखभाल कर्मी और यात्री मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के जोखिम में हैं।

पशु देखभाल कर्मी और चिड़ियाघर के कर्मचारी संक्रमित होने के जोखिम में हैं। पशु चिकित्सक, उनके सहायक और वन्यजीव अनुसंधानकर्ता भी इस जोखिम से प्रभावित हो सकते हैं।

यात्री मंकीपॉक्स के स्थानिक क्षेत्रों की यात्रा से संक्रमित हो सकते हैं। अफ्रीका के कुछ हिस्सों में जाने वाले पर्यटकों के लिए यह जोखिम अधिक है।

निकट संपर्क में आने वाले लोगों के लिए मंकीपॉक्स का जोखिम होता है। मंकीपॉक्स रोगियों के परिवार के सदस्य और उनके साथ रहने वाले लोग संक्रमित हो सकते हैं।

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए मंकीपॉक्स का जोखिम अधिक होता है। एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोग, कैंसर के रोगी और अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता इस जोखिम से प्रभावित हो सकते हैं।

गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के जोखिम में हैं। गर्भावस्था के दौरान संक्रमित होने से गर्भावधि जटिलताएं हो सकती हैं। जन्म के समय या उसके तुरंत बाद संक्रमित होने से नवजात शिशु को नुकसान हो सकता है।

बच्चे और किशोर मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के जोखिम में हैं। छोटे बच्चे और किशोर अक्सर निकट संपर्क में आते हैं।

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जोखिम समूहों और मंकीपॉक्स

हालांकि कुछ समूह अधिक जोखिम में हैं, मंकीपॉक्स किसी को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए, सभी को सावधानी बरतनी चाहिए और उचित सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।

जोखिम कारकों का विश्लेषण

निम्नलिखित तालिका विभिन्न जोखिम समूहों और उनके संबंधित जोखिम कारकों का सारांश प्रस्तुत करती है:

जोखिम समूह और संक्रामकता की अवधि

जोखिम समूहों को पहचानना और संक्रामकता की अवधि को जानना जरूरी है। यह जानकारी से लोगों को सुरक्षित रहने में मदद मिलती है।

जोखिम समूहों में स्वास्थ्य कर्मी, पशु चिकित्सक, यात्री और निकट संपर्क में आने वाले लोग शामिल हैं। संक्रामकता की अवधि को समझना भी जरूरी है।

यह जानकारी से लोगों को संक्रमण से बचने में मदद मिलती है।

जोखिम समूह

जोखिम समूहों में स्वास्थ्य कर्मी और पशु चिकित्सक शामिल हैं। यात्री और निकट संपर्क में आने वाले लोग भी जोखिम में हैं।

गर्भवती महिलाएं और नवजात बच्चे भी जोखिम में हैं। बच्चे और किशोरों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

संक्रामकता की अवधि

मंकीपॉक्स की संक्रामकता की अवधि जानना जरूरी है। यह वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करता है।

संक्रामकता की अवधि को निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. ऊष्मायन अवधि:

मंकीपॉक्स के चरण

मंकीपॉक्स के चरणों को समझना बहुत जरूरी है। यह हमें संक्रमण के बारे में जानकारी देता है।

प्रोड्रोमल चरण संक्रमण के बाद शुरू होता है। इस चरण में लक्षण शुरू होते हैं।

लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और थकान शामिल हो सकते हैं।

यह चरण 1 से 3 दिनों तक रहता है। इस दौरान व्यक्ति संक्रामक हो सकता है।

चकत्ते का चरण चकत्ते के प्रकट होने से शुरू होता है। चकत्ते आमतौर पर चेहरे से शुरू होते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।

यह चरण 2 से 4 सप्ताह तक रहता है। यह मंकीपॉक्स का सबसे संक्रामक चरण होता है।

क्रस्टिंग और हीलिंग चरण में चकत्ते सूखने लगते हैं। पपड़ी बनने लगती है।

पपड़ी गिरने के बाद ही व्यक्ति को गैर-संक्रामक माना जाता है। यह प्रक्रिया 2 से 3 सप्ताह तक चलती है।

संक्रामकता की अवधि

संक्रामकता की अवधि व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न होती है। कुछ लोगों में यह अवधि छोटी होती है, तो कुछ लोगों में लंबी होती है। कुछ मामलों में लोग बिना लक्षण के संक्रामक हो जाते हैं, जिससे वायरस का प्रसार जटिल हो जाता है।

संक्रामकता की अवधि का समय-रेखा

निम्नलिखित समय-रेखा मंकीपॉक्स की संक्रामकता की अवधि को चित्रित करती है:

दिन 0: संक्रमण

दिन 1-14: ऊष्मायन अवधि (गैर-संक्रामक)

दिन 15-17: प्रोड्रोमल चरण (कम संक्रामक)

दिन 18-32: चकत्ते का चरण (अत्यधिक संक्रामक)

दिन 33-46: क्रस्टिंग और हीलिंग चरण (धीरे-धीरे कम संक्रामक)

दिन 47+: पूर्ण स्वास्थ्य लाभ (गैर-संक्रामक)

संचरण के तरीके

मंकीपॉक्स वायरस कई तरीकों से फैलता है। इन तरीकों को जानना जरूरी है ताकि हम रोकथाम कर सकें। मुख्य संचरण मार्ग निम्नलिखित हैं:

1. प्रत्यक्ष संपर्क:

o संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या चकत्तों से संपर्क

o त्वचा से त्वचा के संपर्क से

o मुंह या श्वसन स्राव से निकट संपर्क

2. अप्रत्यक्ष संपर्क:

o कपड़े या बिस्तर जैसे संक्रमित वस्तुओं से संपर्क

o संक्रमित जानवरों के संपर्क से

3. श्वसन मार्ग:

o श्वसन बूंदों को सांस के साथ अंदर लेना

o लंबे समय तक निकट संपर्क में रहने से खतरा बढ़ता है

4. गर्भनाल मार्ग:

o गर्भवती महिला से गर्भस्थ शिशु में संक्रमण

o जन्म के दौरान या उसके तुरंत बाद हो सकता है

5. यौन संचरण:

o यौन संबंधों में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से

o वीर्य या योनि स्राव के माध्यम से संभावित संचरण

6. जूनोटिक संचरण:

o संक्रमित जानवरों के काटने या खरोंचने से

o संक्रमित जानवरों के मांस को खाने से, विशेष रूप से अगर यह पूरी तरह से पकाया नहीं गया है

7. प्रयोगशाला संचरण:

o वायरस के नमूनों को संभालते समय दुर्घटनावश संक्रमण

o अनुचित सुरक्षा उपायों के कारण प्रयोगशाला कर्मियों में संक्रमण

संचरण के तरीकों का तुलनात्मक विश्लेषण

निम्नलिखित तालिका विभिन्न संचरण मार्गों की तुलना करती है:

संचरण मार्गसंक्रमण का जोखिमप्रमुख जोखिम कारकरोकथाम के उपाय
प्रत्यक्ष संपर्कउच्चनिकट शारीरिक संपर्कव्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी
अप्रत्यक्ष संपर्कमध्यमदूषित वस्तुओं का उपयोगनियमित सफाई और क

मंकीपॉक्स से बचाव

अब मंकीपॉक्स के लक्षण और संचरण के बारे में जान लिया है। अब, इस बीमारी से कैसे बचा जाए, इसे जानना जरूरी है। मंकीपॉक्स एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। लेकिन, सही सावधानियों और उपायों से हम इसके प्रसार को रोक सकते हैं।

इस तरह हम और हमारे प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं।

A. संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क सीमित करना

मंकीपॉक्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है संक्रमित लोगों से दूर रहना। यह एक सरल उपाय है, लेकिन इसका महत्व बहुत है। आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें:

1. संक्रमित व्यक्तियों की पहचान:

o मंकीपॉक्स के लक्षणों से परिचित रहें। त्वचा पर दाने, बुखार, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों पर ध्यान दें।

o यदि किसी व्यक्ति में इन लक्षणों में से कोई दिखाई दे, तो उनसे दूरी बनाएं रखें।

2. सामाजिक दूरी का पालन:

o संक्रमित लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाएं रखें।

o भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें, खासकर जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हों।

3. व्यक्तिगत वस्तुओं का साझा न करना:

मंकीपॉक्स से सावधानी

मंकीपॉक्स से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखें।

1. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें:

o संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें।

o उनके साथ खाना खाने से बचें।

o उनके कपड़े और बिस्तर की चादरें न छुएं।

2. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें:

o संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।

o उनके साथ न जाएं।

3. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें:

o संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।

o उनके साथ न जाएं।

4. संक्रमित जानवरों से सावधानी:

o मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों से फैल सकता है।

o अज्ञात या बीमार जानवरों से दूर रहें।

5. यात्रा सावधानियां:

o मंकीपॉक्स प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा से बचें।

o यदि यात्रा अनिवार्य है, तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के दिशानिर्देशों का पालन करें।

6. कार्यस्थल और शैक्षणिक संस्थानों में सावधानियां:

o यदि आप संक्रमित हैं, तो घर पर रहें।

o कार्यस्थल या शैक्षणिक संस्थानों में स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करें।

7. स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए विशेष सावधानियां:

o उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करें।

o संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।

8. संक्रमित व्यक्तियों के लिए आइसोलेशन:

o यदि आप संक्रमित हैं, तो तुरंत आइसोलेट हो जाएं।

o चिकित्सक की सलाह के अनुसार आइसोलेशन अवधि का पालन करें।

आमतौर पर यह अवधि लक्षणों की शुरुआत से लेकर त्वचा के घाव पूरी तरह से ठीक होने तक होती है।

इन उपायों को अपनाकर, हम न केवल खुद को बल्कि अपने समुदाय को भी मंकीपॉक्स के खतरे से बचा सकते हैं।

याद रखें, सतर्कता और जागरूकता संक्रमण को रोकने की कुंजी हैं।

B. टीकाकरण विकल्प

मंकीपॉक्स से बचाव में टीकाकरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हालांकि मंकीपॉक्स के लिए विशेष रूप से विकसित टीका अभी व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, चेचक के टीके को मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी पाया गया है।

आइए टीकाकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पर नज़र डालें:

1. उपलब्ध टीके:

o JYNNEOS (इम्वामुने या इम्वानेक्स): यह मंकीपॉक्स और चेचक दोनों के लिए अनुमोदित है।

o ACAM2000: यह मूल रूप से चेचक के लिए विकसित किया गया था, लेकिन मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रभावी है।

2. टीकाकरण की प्राथमिकता:

o स्वास्थ्य कर्मी जो मंकीपॉक्स रोगियों की देखभाल करते हैं।

o प्रयोगशाला कर्मी जो मंकीपॉक्स वायरस के साथ काम करते हैं।

o संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क।

o उच्च जोखिम वाले व्यक्ति, जैसे कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग।

3. टीके की प्रभावशीलता:

o टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ लगभग 85% प्रभावी है।

o यह संक्रमण को रोक सकता है या लक्षणों की गंभीरता को कम कर सकता है।

4. टीकाकरण का समय:

o संक्रमण के संपर्क में आने के 4 दिनों के भीतर टीका लगवाना सबसे प्रभावी है।

o संपर्क के 4-14 दिनों के बीच टीका लगवाने से लक्षणों की गंभीरता कम हो सकती है।

5. साइड इफेक्ट्स:

o सामान्य साइड इफेक्ट्स में इंजेक्शन स्थल पर दर्द, लाली और सूजन शामिल हैं।

o कुछ लोगों में थकान, सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।

6. विशेष ध्यान देने योग्य बातें:

o गर्भवती महिलाओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को टीकाकरण से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

o ACAM2000 टीके में जीवित वायरस होता है, इसलिए इसे कुछ लोगों के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता।

7. टीकाकरण रणनीतियां:

o प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP): उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को संक्रमण से पहले टीका लगाया जाता है।

o पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP): संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद टीका लगाया जाता है।

8. टीकाकरण की उपलब्धता:

o टीके की उपलब्धता देश और क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकती है।

o स्थानीय स्वास्थ्य विभाग या चिकित्सक से टीकाकरण की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

9. टीकाकरण के बाद सावधानियां:

o टीकाकरण के बाद भी व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का पालन करना जारी रखें।

o टीके के प्रभावी होने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए तुरंत सुरक्षा की उम्मीद न करें।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टीकाकरण मंकीपॉक्स से बचाव का एक प्रभावी तरीका है, लेकिन यह एकमात्र उपाय नहीं है। इसे अन्य सुरक्षा उपायों के साथ संयोजन में उपयोग किया जाना चाहिए।

टीकाकरण और सामाजिक दूरी

टीकाकरण और सामाजिक दूरी में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात कर लेना अच्छा होता है। वे आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने में मदद कर सकते हैं।

C. सामाजिक दूरी

मंकीपॉक्स को रोकने में सामाजिक दूरी काफी मदद करता है। यह रणनीति COVID-19 के समय में काफी प्रभावी रही। अब मंकीपॉक्स के मामले में भी यह काम करता है।

आइए सामाजिक दूरी के कुछ पहलुओं को जानते हैं:

1. सामाजिक दूरी का अर्थ:

o सामाजिक दूरी का मतलब है लोगों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखना।

o मंकीपॉक्स के संदर्भ में, यह आमतौर पर 6 फीट (लगभग 2 मीटर) की दूरी है।

2. सामाजिक दूरी के लाभ:

o यह वायरस के प्रसार को कम करता है, खासकर उन लोगों से जो संक्रमित हो सकते हैं लेकिन लक्षण नहीं दिखा रहे हैं।

o यह संक्रमित व्यक्तियों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क को कम करता है।

3. सामाजिक दूरी के तरीके:

o भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें।

o बड़े सामाजिक समारोहों और सभाओं से बचें।

o जहां संभव हो, घर से

अब जब हम मंकीपॉक्स के बारे में मूल जानकारी, लक्षण, संचरण और बचाव के बारे में जान चुके हैं, तो आइए इस खतरनाक बीमारी के निदान और उपचार के विषय में विस्तार से चर्चा करें।

मंकीपॉक्स का निदान और उपचार

मंकीपॉक्स एक गंभीर वायरल संक्रमण है जिसका सही निदान और समय पर उपचार बहुत महत्वपूर्ण है। इस खंड में हम मंकीपॉक्स के निदान के विभिन्न तरीकों, घर पर देखभाल के सुझावों और उपलब्ध उपचार विकल्पों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

घर पर देखभाल के सुझाव

मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों के लिए घर पर देखभाल करना बहुत जरूरी है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो रोगी और उनके परिवार के लिए मददगार हो सकते हैं:

1. आराम और अलगाव:

o संक्रमित व्यक्ति को आराम करना चाहिए और दूसरों से दूर रहना चाहिए।

o एक अलग कमरे में रहें और एक अलग बाथरूम का उपयोग करें।

o परिवार के लोगों और पालतू जानवरों से दूर रहें।

2. स्वच्छता बनाए रखें:

o हाथों को नियमित रूप से धोएं, खासकर घावों को छूने के बाद।

o घावों को साफ और सूखा रखें।

o घावों को खुजलाने या छूने से बचें।

3. पर्याप्त हाइड्रेशन और पोषण:

o पानी, फलों का रस, और सूप जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें।

o संतुलित और पौष्टिक आहार लें जो शरीर को ठीक होने में मदद करे।

4. दर्द और बुखार का प्रबंधन:

o डॉक्टर की सलाह के अनुसार दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवाएं लें।

o ठंडे कंप्रेस या गुनगुने पानी से स्नान करके बुखार को कम किया जा सकता है।

5. त्वचा की देखभाल:

o घावों को साफ और सूखा रखें।

o कैलामाइन लोशन या बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट लगाकर खुजली को कम किया जा सकता है।

o डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीसेप्टिक क्रीम या मलहम का उपयोग करें।

6. मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल:

o तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग या गहरी सांस लेने के व्यायाम करें।

o परिवार और दोस्तों से फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से जुड़े रहें।

o यदि आवश्यक हो तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें।

7. संक्रमण के फैलाव को रोकें:

o अपने कपड़े, बिस्तर की चादरें और तौलिये अलग धोएं।

o उपयोग किए गए टिशू और पट्टियों को सावधानी से निपटाएं।

o अपने आस-पास के क्षेत्रों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करें।

8. नियमित निगरानी:

o अपने लक्षणों पर नज़र रखें और किसी भी बदलाव या बिगड़ाव के बारे में अपने डॉक्टर को सूचित करें।

o अपने तापमान की नियमित जांच करें और रिकॉर्ड रखें।

9. दवाओं का सही उपयोग:

o डॉक्टर द्वारा निर्धारित सभी दवाओं को निर्देशानुसार लें।

o दवाओं के किसी भी दुष्प्रभाव की सूचना तुरंत अपने डॉक्टर को दें।

10. पर्याप्त नींद:

o शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पर्याप्त नींद लें।

o एक नियमित सोने का समय तय करें और उसका पालन करें।

इन सुझावों का पालन करने से न केवल रोगी को आराम मिलेगा बल्कि संक्रमण के फैलाव को भी रोका जा सकेगा। हालांकि, घर पर देखभाल चिकित्सकीय उपचार का विकल्प नहीं है। गंभीर लक्षणों या स्थिति में बिगड़ाव के मामले में तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

उपलब्ध उपचार विकल्प

मंकीपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन कई उपचार विकल्प हैं जो लक्षणों को कम करने और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपचार विकल्पों की विस्तृत जानकारी दी गई है:

1. एंटीवायरल दवाएं:

o तेकोवीरिमात (TPOXX): यह मंकीपॉक्स के उपचार के लिए FDA द्वारा अनुमोदित एक एंटीवायरल दवा है। यह वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करती है।

o सिडोफोवीर: यह एक अन्य एंटीवायरल दवा है जो मंकीपॉक्स के विरुद्ध प्रभावी हो सकती है।

मंकीपॉक्स के लिए उपचार

मंकीपॉक्स के लिए उपचार में कई तरीके हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

1. ब्रिनसीडोफोवीर: यह सिडोफोवीर का एक संशोधित रूप है जो कम विषाक्त है और मौखिक रूप से दिया जा सकता है।

2. इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी:

o वैक्सीनिया इम्युनोग्लोबुलिन (VIG) एक एंटीबॉडी-आधारित उपचार है जो गंभीर मामलों में उपयोगी हो सकता है।

3. वैक्सीन:

o JYNNEOS वैक्सीन: यह मंकीपॉक्स के खिलाफ FDA द्वारा अनुमोदित एक वैक्सीन है। यह संक्रमण के बाद भी दिया जा सकता है और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

o ACAM2000: यह एक अन्य वैक्सीन है जो मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी हो सकता है।

4. लक्षण-आधारित उपचार:

o दर्द निवारक: पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं दर्द और बुखार को कम करने में मदद कर सकती हैं।

o एंटीहिस्टामीन: ये दवाएं खुजली को कम करने में मदद कर सकती हैं।

o मौखिक या अंतःशिरा तरल पदार्थ: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए।

5. त्वचा की देखभाल:

o एंटीसेप्टिक लोशन और क्रीम: ये त्वचा के घावों को संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं।

o कैलामाइन लोशन: यह खुजली और जलन को कम कर सकता है।

6. समर्थक देखभाल:

o ऑक्सीजन थेरेपी: गंभीर मामलों में श्वसन समस्याओं के लिए।

o पोषण सहायता: संतुलित आहार और पूरक आहार जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।

7. मनोवैज्ञानिक सहायता:

o काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं रोगियों को बीमारी से जुड़े तनाव और चिंता से निपटने में मदद कर सकती हैं।

8. प्रायोगिक उपचार:

o कुछ नए एंटीवायरल दवाएं और इम्युनोमॉड्यूलेटरी एजेंट अभी अनुसंधान के अधीन हैं।

उपचार योजना व्यक्तिगत रोगी की स्थिति और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करती है। एक योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही उपचार करवाना बेहतर है।

निम्नलिखित तालिका मंकीपॉक्स के विभिन्न उपचार विकल्पों और उनके लाभों और संभावित दुष्प्रभावों का सारांश प्रस्तुत करती है:

चिकित्सा विकल्प और निदान के तरीके

चिकित्सा विकल्पों का चयन करने में निदान के तरीके का महत्व होता है। डॉक्टरों के लिए यह जानना जरूरी है कि मरीज के स्वास्थ्य के आधार पर क्या उपचार सबसे अच्छा होगा।

चिकित्सा विकल्पों में कई हैं, जैसे दवाएं, वैक्सीन, और इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी। इन सभी का अपना लाभ है और संभावित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

निदान के तरीके भी कई हैं, जैसे लैब टेस्ट, स्क्रीनिंग, और क्लिनिकल स्क्रीनिंग। इन तरीकों से डॉक्टरों को मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है।

चिकित्सा विकल्पों और निदान के तरीकों का चयन करने में डॉक्टरों का विशेषज्ञता और मरीज के स्वास्थ्य का आकलन महत्वपूर्ण होता है।

Monkeypox: Symptoms and Prevention
उपचार विकल्पलाभसंभावित दुष्प्रभाव
तेकोवीरिमात (TPOXX)वायरस प्रसार को रोकता हैमतली, सिरदर्द, पेट दर्द
सिडोफोवीरवायरस प्रतिकृति को रोकता हैगुर्दे की समस्याएं, चक्कर आना
JYNNEOS वैक्सीनसंक्रमण से बचाव और लक्षण कम करता हैइंजेक्शन साइट पर दर्द, थकान
इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपीगंभीर मामलों में प्रतिरक्षा बढ़ाता हैएलर्जिक प्रतिक्रियाएं, बुखार
दर्द निवारकदर्द और बुखार कम करते हैंपेट की समस्याएं, एलर्जिक प्रतिक्रियाएं
एंटीहिस्टामीनखुजली कम करता हैनींद आना, मुंह सूखना
एंटीसेप्टिक लोशनत्वचा संक्रमण से बचाता हैत्वचा में जलन, लालिमा

निदान के तरीके

मंकीपॉक्स का निदान करना बहुत जरूरी है। इसके लक्षण कई बीमारियों से मिलते हैं। डॉक्टर कई तरीके से निदान करते हैं:

1. क्लिनिकल मूल्यांकन:

o डॉक्टर रोगी के लक्षणों और शारीरिक परीक्षण से शुरू करता है।

o त्वचा पर चकत्ते और घावों का निरीक्षण करता है।

o रोगी के यात्रा इतिहास और जोखिम कारकों के बारे में पूछता है।

मंकीपॉक्स एक गंभीर संक्रामक रोग है। इसके बारे में जागरूकता जरूरी है। लक्षणों को पहचानना और संचरण के तरीके जानना बेहद अच्छा है। अगर संदेह है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

स्वच्छता और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाना जरूरी है। सही जानकारी प्राप्त करना भी अच्छा है। अपने स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहें और दूसरों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी लें। सामूहिक प्रयासों से ही बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।

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